What is Computer? कंप्यूटर क्या है?

कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो डेटा को प्रोसेस करने, गणना करने, और सूचनाओं को स्टोर करने का कार्य करता है। यह विभिन्न प्रकार के कार्यों को तेजी से और सटीकता से कर सकता है। “कंप्यूटर” का पूर्ण नाम “Common Operating Machine Purposely Used for Technological and Educational Research” होता है।

हिंदी में कंप्यूटर का अर्थ:

कंप्यूटर का हिंदी में अर्थ होता है “गणक” या “संगणक”। कंप्यूटर एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो डेटा को प्रोसेस करने, गणनाएँ करने, और सूचनाओं को स्टोर करने का कार्य करता है।

  1. गणक (Ganak):

    • गणना करने वाली मशीन या उपकरण।
    • यह शब्द गणना (calculation) से लिया गया है और इसका उपयोग कंप्यूटर के गणनात्मक कार्य को संदर्भित करने के लिए किया जाता है।
  2. संगणक (Sanganak):

    • संगणक शब्द “संगणना” (calculation) से उत्पन्न होता है और इसे कंप्यूटर के सामान्य और आधुनिक संदर्भ में उपयोग किया जाता है।
    • यह शब्द भारतीय भाषाओं में कंप्यूटर के लिए प्रचलित है और इसे अक्सर सरकारी दस्तावेजों और शैक्षणिक संदर्भों में उपयोग किया जाता है।

कंप्यूटर एक बहुपरकारी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो विभिन्न प्रकार के कार्य कर सकता है, जैसे कि डेटा प्रोसेसिंग, गणनाएँ, सूचना का आदान-प्रदान, और ऑटोमेशन। यह मानव जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

कंप्यूटर का आविष्कार और विकास

कंप्यूटर का आविष्कार और विकास कई वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के प्रयासों का परिणाम है, और इसे किसी एक व्यक्ति के नाम से नहीं जोड़ा जा सकता। हालांकि, कुछ प्रमुख व्यक्तियों और उनके योगदान को कंप्यूटर के विकास के जनक के रूप में मान्यता प्राप्त है:

1. चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage)

  • योगदान: चार्ल्स बैबेज को “कंप्यूटर का जनक” कहा जाता है। उन्होंने 1830s में “डिफरेंस इंजन” और “एनालिटिकल इंजन” का डिज़ाइन तैयार किया, जो आधुनिक कंप्यूटर के विकास की नींव रखे। उनके डिज़ाइन में पहला कंप्यूटर प्रोसेसर और स्टोरेज की अवधारणाएँ शामिल थीं, हालांकि इन मशीनों का निर्माण उनकी ज़िन्दगी में पूरा नहीं हुआ।

2. अलान ट्यूरिंग (Alan Turing)

  • योगदान: अलान ट्यूरिंग को कंप्यूटर विज्ञान के पिता के रूप में मान्यता प्राप्त है। उन्होंने “ट्यूरिंग मशीन” का अवधारणा दी, जो गणनात्मक समस्याओं को हल करने की क्षमता को सिद्ध करती है। उनका काम द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान एन्ग्राम कोड को डिक्रिप्ट करने में भी महत्वपूर्ण था।

3. जॉन वॉन न्यूमैन (John von Neumann)

  • योगदान: जॉन वॉन न्यूमैन ने “वॉन न्यूमैन आर्किटेक्चर” का प्रस्ताव दिया, जिसमें कंप्यूटर की मौजूदा संरचना आधारित होती है। इस आर्किटेक्चर में डेटा और प्रोग्राम को एक ही मेमोरी में स्टोर करने की अवधारणा शामिल है, जो आज के अधिकांश कंप्यूटरों की आधारशिला है।

4. क्लेड शैनन (Claude Shannon)

  • योगदान: क्लेड शैनन ने सूचना थ्योरी की नींव रखी, जो डेटा ट्रांसमिशन और प्रोसेसिंग के सिद्धांतों को समझने में महत्वपूर्ण है। उनका काम आज की डिजिटल संचार प्रणालियों और कंप्यूटर नेटवर्किंग में मूलभूत है।

5. पैट्रिक ज. वेनोव (Patrick J. Vanoov)

  • योगदान: उन्हें कंप्यूटर हार्डवेयर और प्रोसेसिंग के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए मान्यता प्राप्त है, विशेष रूप से ट्रांजिस्टर आधारित कंप्यूटर आर्किटेक्चर के विकास में।

इन व्यक्तियों के योगदान के बिना, आधुनिक कंप्यूटर की विकास यात्रा पूरी नहीं हो सकती थी। इनका कार्य कंप्यूटर की अवधारणा और प्रौद्योगिकी के विकास में मील का पत्थर साबित हुआ।

विश्व का पहला कंप्यूटर

विश्व का पहला कंप्यूटर कौन सा था, यह निर्भर करता है कि आप किस प्रकार के कंप्यूटर पर विचार कर रहे हैं, क्योंकि कंप्यूटर के विकास की यात्रा में कई महत्वपूर्ण उपकरण और मशीनें शामिल हैं। हालांकि, कुछ प्रमुख कंप्यूटरों को उनकी ऐतिहासिक महत्वता के आधार पर माना जाता है:

1. आर्नेस्ट डिफरेंस इंजन (Charles Babbage’s Difference Engine)

  • विवरण: चार्ल्स बैबेज ने 1830 के दशक में डिफरेंस इंजन का डिज़ाइन तैयार किया। यह एक यांत्रिक गणक था जो गणनाओं को स्वचालित रूप से कर सकता था। इसे सामान्य कंप्यूटर के रूप में नहीं माना जाता, लेकिन यह गणना करने वाली पहली मशीनों में से एक थी।

2. आर्निस्ट एनालिटिकल इंजन (Charles Babbage’s Analytical Engine)

  • विवरण: यह बैबेज की दूसरी महत्वपूर्ण डिजाइन थी, जिसे पहले पूर्णतः कार्यशील कंप्यूटर के रूप में देखा जा सकता है। इसमें प्रोसेसर, मेमोरी और पंरूप में एक अस्थायी मेमोरी जैसी अवधारणाएँ थीं, लेकिन इसे कभी पूरी तरह से निर्मित नहीं किया गया।

3. कॉलॉसस (Colossus)

  • विवरण: कॉलॉसस, जिसे द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटेन द्वारा विकसित किया गया था, पहला इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर था। इसे 1943-1944 के बीच युद्ध के दौरान एन्ग्राम (Enigma) कोड को डिक्रिप्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया था।

4. ENIAC (Electronic Numerical Integrator and Computer)

  • विवरण: ENIAC को 1945 में पूर्ण रूप से चालू किया गया था और इसे पहला पूर्णत: इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर माना जाता है। यह अमेरिकी सेना द्वारा विकसित किया गया था और इसमें वैक्यूम ट्यूब्स का उपयोग किया गया था।

5. UNIVAC I (Universal Automatic Computer I)

  • विवरण: UNIVAC I को 1951 में आम जनता के लिए प्रस्तुत किया गया और इसे व्यावसायिक उपयोग के लिए पहला कंप्यूटर माना जाता है। यह पहला कंप्यूटर था जिसे वास्तविक दुनिया में वाणिज्यिक उपयोग के लिए लागू किया गया।

संक्षेप में:

  • चार्ल्स बैबेज का एनालिटिकल इंजन पहले थ्योरिटिकल कंप्यूटर के रूप में माना जा सकता है।
  • कॉलॉसस पहला इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर था।
  • ENIAC को पहला पूर्ण रूप से कार्यशील इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर माना जाता है।
  • UNIVAC I पहला व्यावसायिक रूप से सफल कंप्यूटर था।

इन सभी कंप्यूटरों ने कंप्यूटर विज्ञान के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और आधुनिक कंप्यूटर की नींव रखी है।

भारत का पहला कंप्यूटर

भारत का पहला कंप्यूटर “आई.आई.टी. (IIT) दिल्ली में स्थापित “सिद्धार्थ” था, जिसे 1965 में चालू किया गया था। हालांकि, कंप्यूटर की शुरुआत और विकास के संदर्भ में कुछ प्रमुख घटनाएँ और कंप्यूटर हैं जो भारत के पहले कंप्यूटर के रूप में मान्यता प्राप्त हैं:

1. सिद्धार्थ (Siddhartha)

  • विवरण: सिद्धार्थ को 1965 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली द्वारा स्थापित किया गया। यह एक मुख्य रूप से ट्रांजिस्टर आधारित कंप्यूटर था और इसे भारत के पहले कंप्यूटर के रूप में माना जाता है।

2. UNIVAC I कंप्यूटर:

  • विवरण: 1950 के दशक में भारत में पहला कंप्यूटर, UNIVAC I, स्थापित किया गया। इस कंप्यूटर का उपयोग भारतीय सांख्यिकी और गणना कार्यों के लिए किया गया। हालांकि, UNIVAC I के बाद भारत में कई अन्य कंप्यूटर सिस्टम भी आए।

3. IIT-Kanpur में PDP-8:

  • विवरण: 1967 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर में एक PDP-8 कंप्यूटर स्थापित किया गया। यह पहला आधुनिक कंप्यूटर था जिसका उपयोग शोध और शिक्षण के लिए किया गया।

इन कंप्यूटरों ने भारत में कंप्यूटर विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारतीय कंप्यूटर उद्योग की नींव रखी।

कंप्यूटर की विशेषताएँ:

  1. इनपुट: कंप्यूटर विभिन्न प्रकार के डेटा को इनपुट के रूप में ले सकता है, जैसे कि कीबोर्ड, माउस, स्कैनर, माइक्रोफोन आदि के माध्यम से।

  2. प्रोसेसिंग: कंप्यूटर इनपुट किए गए डेटा को प्रोसेस करता है। यह प्रोसेसिंग केंद्रीय प्रोसेसिंग यूनिट (CPU) द्वारा की जाती है।

  3. स्टोरेज: कंप्यूटर डेटा और प्रोग्राम्स को स्टोर करने की क्षमता रखता है। इसके लिए हार्ड ड्राइव, SSD, RAM जैसी स्टोरेज यूनिट्स का उपयोग किया जाता है।

  4. आउटपुट: प्रोसेस किए गए डेटा को आउटपुट के रूप में प्रदर्शित किया जाता है, जैसे कि स्क्रीन पर चित्र या टेक्स्ट, प्रिंटर द्वारा छपे हुए दस्तावेज, आदि।

  5. प्रोसेसिंग स्पीड: कंप्यूटर उच्च गति से डेटा प्रोसेस कर सकता है, जिससे यह बहुत तेजी से कार्य करता है।

  6. ऑटोमेशन: कंप्यूटर स्वचालित कार्य कर सकता है, जो इंसान की मैन्युअल कोशिशों की तुलना में अधिक सटीक और तेज होता है।

कंप्यूटर के उपयोग:

  1. ऑफ़िस कार्य: दस्तावेज़ तैयार करना, डेटा एनालिसिस, और ईमेल भेजना।

  2. शिक्षा: अध्ययन, ऑनलाइन पाठ्यक्रम, और शैक्षिक अनुसंधान।

  3. मनोरंजन: वीडियो गेम, मूवीज़, म्यूज़िक, और सोशल मीडिया।

  4. डिज़ाइन और ग्राफिक्स: चित्रण, वीडियो एडिटिंग, और 3डी मॉडलिंग।

  5. नेटवर्किंग: इंटरनेट ब्राउज़िंग, सोशल मीडिया और ई-कॉमर्स।

कंप्यूटर की संरचना:

कंप्यूटर के विभिन्न भाग को दो प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है: हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर

  • हार्डवेयर: कंप्यूटर के भौतिक भागों को हार्डवेयर कहा जाता है, जैसे कि CPU, मॉनिटर, कीबोर्ड, माउस, हार्ड ड्राइव, आदि।

  • सॉफ्टवेयर: यह कंप्यूटर के लिए बनाए गए प्रोग्राम और ऑपरेटिंग सिस्टम होते हैं, जैसे कि Windows, Linux, macOS, और एप्लिकेशन सॉफ़्टवेयर जैसे Microsoft Office, Adobe Photoshop आदि।

हार्डवेयर के भाग:

  1. CPU (Central Processing Unit):

    • विवरण: कंप्यूटर का “मस्तिष्क” जो सभी गणनात्मक और नियंत्रण कार्य करता है।
    • उपलब्धि: प्रोसेसर (प्रोसेसिंग यूनिट), कूलर (हीट सिंक), और कभी-कभी ग्राफिक्स कार्ड।
  2. Motherboard (मदरबोर्ड):

    • विवरण: यह एक प्रमुख सर्किट बोर्ड होता है जो कंप्यूटर के सभी हार्डवेयर घटकों को जोड़ता है। इसमें CPU, RAM, और अन्य महत्वपूर्ण कनेक्टर होते हैं।
    • उपलब्धि: सॉकेट्स, स्लॉट्स, और कनेक्टर जो अन्य हार्डवेयर घटकों को जोड़ते हैं।
  3. RAM (Random Access Memory):

    • विवरण: अस्थायी मेमोरी जहां डेटा और प्रोग्राम्स को तेजी से एक्सेस करने के लिए स्टोर किया जाता है जब कंप्यूटर चालू होता है।
    • उपलब्धि: DIMM (Dual Inline Memory Module) स्लॉट्स में स्थापित होती है।
  4. ROM (Read-Only Memory):

    • विवरण: स्थायी मेमोरी जिसमें फर्मवेयर और बूटिंग निर्देश होते हैं, जो कंप्यूटर चालू होने पर सबसे पहले पढ़े जाते हैं।
    • उपलब्धि: BIOS चिप में होता है।
  5. HDD (Hard Disk Drive):

    • विवरण: स्थायी स्टोरेज डिवाइस जो डेटा, सॉफ़्टवेयर, और ऑपरेटिंग सिस्टम को स्टोर करता है।
    • उपलब्धि: प्लाटर्स, स्पिंडल, और हेड्स के साथ एक मैकेनिकल डिवाइस।
  6. SSD (Solid State Drive):

    • विवरण: एक प्रकार की स्टोरेज डिवाइस जो डेटा को फ्लैश मेमोरी में स्टोर करता है, जिससे तेजी से डेटा एक्सेस होता है।
    • उपलब्धि: NAND फ्लैश चिप्स और कंट्रोलर।
  7. Power Supply Unit (PSU):

    • विवरण: कंप्यूटर को विद्युत शक्ति प्रदान करता है और वोल्टेज को सही मात्रा में परिवर्तित करता है।
    • उपलब्धि: AC-DC कन्वर्टर, केबल्स, और कनेक्टर।
  8. Graphics Processing Unit (GPU):

    • विवरण: ग्राफिक्स और वीडियो प्रोसेसिंग के लिए विशेष प्रोसेसर।
    • उपलब्धि: ग्राफिक्स कार्ड के रूप में होता है जो मदरबोर्ड में PCIe स्लॉट में स्थापित होता है।
  9. Cooling System:

    • विवरण: कंप्यूटर के घटकों को ठंडा रखने के लिए उपयोगी, विशेष रूप से CPU और GPU।
    • उपलब्धि: फैन, हीट सिंक, और कभी-कभी तरल कूलिंग सिस्टम।
  10. Input Devices (इनपुट डिवाइस):

    • उदाहरण: कीबोर्ड, माउस, स्कैनर, माइक्रोफोन।
    • विवरण: कंप्यूटर को डेटा और कमांड प्रदान करने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
  11. Output Devices (आउटपुट डिवाइस):

    • उदाहरण: मॉनिटर, प्रिंटर, स्पीकर।
    • विवरण: कंप्यूटर द्वारा प्रोसेस किए गए डेटा को यूज़र के लिए प्रस्तुत करते हैं।
  12. Storage Devices (स्टोरेज डिवाइस):

    • उदाहरण: USB ड्राइव, CD/DVD, बाहरी हार्ड ड्राइव।
    • विवरण: डेटा को स्टोर करने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
  13. Network Interface Card (NIC):

    • विवरण: कंप्यूटर को नेटवर्क से जोड़ने के लिए आवश्यक हार्डवेयर।
    • उपलब्धि: LAN कार्ड या वाई-फाई एडाप्टर।
  14. Case/Chassis (केस/चैसिस):

    • विवरण: कंप्यूटर के सभी हार्डवेयर घटकों को समेटने और संरक्षित करने वाला बाहरी आवरण।
  15. Optical Drive:

    • विवरण: CD, DVD, या ब्लू-रे डिस्क को पढ़ने और लिखने के लिए उपयोगी।
    • उपलब्धि: ड्राइव बेली में डिस्क डालने की सुविधा होती है।

सॉफ्टवेयर के भाग:

  1. Operating System (ऑपरेटिंग सिस्टम):

    • विवरण: यह सिस्टम सॉफ्टवेयर है जो हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के बीच इंटरफेस का काम करता है। उदाहरण: Windows, macOS, Linux।
  2. Application Software (एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर):

    • विवरण: विशिष्ट कार्यों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया सॉफ्टवेयर, जैसे कि Microsoft Office, Adobe Photoshop, वेब ब्राउज़र।
  3. Utility Software (यूटिलिटी सॉफ्टवेयर):

    • विवरण: सिस्टम के रखरखाव और सुधार के लिए उपयोगी सॉफ्टवेयर, जैसे कि एंटीवायरस प्रोग्राम, डिस्क क्लीनर।

इन भागों का संयोजन एक कार्यशील कंप्यूटर सिस्टम का निर्माण करता है, जो विभिन्न कार्यों को प्रभावी ढंग से करने में सक्षम होता है।

कंप्यूटर के प्रकार:

कंप्यूटर विभिन्न उपयोगों और कार्यों के अनुसार विभिन्न प्रकार के होते हैं। मुख्य रूप से कंप्यूटर को निम्नलिखित श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है:

1. पर्सनल कंप्यूटर (Personal Computer – PC)

  • डेस्कटॉप कंप्यूटर: आमतौर पर एक डेस्क पर रखा जाता है और इसमें एक मॉनिटर, कीबोर्ड, माउस, और CPU यूनिट शामिल होती है। यह ऑफिस या घर में सामान्य उपयोग के लिए होता है।
  • लैपटॉप: पोर्टेबल कंप्यूटर जिसमें एक ही इकाई में मॉनिटर, कीबोर्ड, और CPU होते हैं। इसे कहीं भी ले जाया जा सकता है।
  • नेटबुक: लैपटॉप की तुलना में छोटे और हल्के होते हैं, मुख्य रूप से इंटरनेट ब्राउज़िंग और सामान्य कार्यों के लिए।

2. सर्वर

  • वेब सर्वर: वेब पेजों को होस्ट करता है और उपयोगकर्ताओं को इंटरनेट के माध्यम से उपलब्ध कराता है।
  • डाटाबेस सर्वर: डेटा को स्टोर और प्रबंधित करता है, जैसे कि SQL सर्वर।
  • फाइल सर्वर: नेटवर्क पर साझा फ़ाइलों और संसाधनों की सेवा करता है।

3. सुपरकंप्यूटर

  • ये अत्यधिक उच्च प्रदर्शन वाले कंप्यूटर होते हैं, जो जटिल गणनाएँ और डेटा प्रोसेसिंग कार्य करते हैं। इन्हें वैज्ञानिक अनुसंधान, मौसम पूर्वानुमान, और बड़े डेटा विश्लेषण के लिए उपयोग किया जाता है।

4. मेनफ्रेम कंप्यूटर

  • बड़े और शक्तिशाली कंप्यूटर होते हैं जो बड़ी मात्रा में डेटा को प्रोसेस और स्टोर कर सकते हैं। ये आमतौर पर बैंकों, सरकारी संस्थानों, और बड़े संगठनों में उपयोग किए जाते हैं।

5. माइक्रो-कंट्रोलर

  • छोटे, विशेष उद्देश्य वाले कंप्यूटर होते हैं जो विशेष कार्यों के लिए डिज़ाइन किए गए होते हैं, जैसे कि घरेलू उपकरण, ऑटोमोबाइल, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस।

6. वर्कस्टेशन

  • ये उच्च प्रदर्शन वाले कंप्यूटर होते हैं जो ग्राफिक्स डिज़ाइन, इंजीनियरिंग, और डेटा एनालिसिस जैसे कार्यों के लिए उपयोग किए जाते हैं। वर्कस्टेशन में सामान्य पर्सनल कंप्यूटर की तुलना में अधिक शक्तिशाली प्रोसेसर और अधिक मेमोरी होती है।

7. हैंडहेल्ड डिवाइस

  • स्मार्टफोन: मोबाइल संचार, इंटरनेट ब्राउज़िंग, और एप्लिकेशन उपयोग के लिए।
  • टैबलेट: एक बड़ा स्क्रीन और टच इन्पुट के साथ, जो पढ़ने, मनोरंजन, और पेशेवर कार्यों के लिए उपयोग होता है।

8. थिन क्लाइंट

  • ये हल्के कंप्यूटर होते हैं जो नेटवर्क पर आधारित सर्वर से जुड़े होते हैं। इसमें सीमित प्रोसेसिंग शक्ति होती है, और अधिकांश कार्य सर्वर द्वारा किए जाते हैं।

9. पॉर्टेबल कंप्यूटर

  • नोटबुक: छोटे, हल्के लैपटॉप जो विशेष रूप से पोर्टेबिलिटी के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
  • 2-इन-1 लैपटॉप: ऐसे लैपटॉप जो टैबलेट की तरह भी उपयोग किए जा सकते हैं।

10. क्लाउड कंप्यूटर

  • ये कंप्यूटर क्लाउड सर्विसेज का उपयोग करते हैं, जो इंटरनेट के माध्यम से संसाधन, सॉफ़्टवेयर, और स्टोरेज प्रदान करते हैं। इसमें डेटा स्टोरेज और प्रोसेसिंग सर्विसेज ऑनलाइन होती हैं।

हर प्रकार के कंप्यूटर की अपनी विशेषताएँ और उपयोगिता होती है, और उनका चयन उपयोगकर्ता की ज़रूरतों और कार्यों पर निर्भर करता है।

कंप्यूटर के विभिन्न भाग और उनके फुल फॉर्म

कंप्यूटर के विभिन्न भाग और उनके फुल फॉर्म निम्नलिखित हैं:

1. CPU (Central Processing Unit)

  • फुल फॉर्म: सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट
  • विवरण: यह कंप्यूटर का प्रमुख प्रोसेसर होता है जो सभी गणनात्मक और नियंत्रण कार्य करता है। इसे कंप्यूटर का “मस्तिष्क” भी कहा जाता है।

2. RAM (Random Access Memory)

  • फुल फॉर्म: रैंडम एक्सेस मेमोरी
  • विवरण: यह एक प्रकार की वोलटाइल मेमोरी है जिसमें कंप्यूटर कार्यरत डेटा और प्रोग्राम्स को अस्थायी रूप से स्टोर करता है। कंप्यूटर को चालू रहते हुए डेटा को तेज़ी से एक्सेस करने के लिए RAM आवश्यक है।

3. ROM (Read-Only Memory)

  • फुल फॉर्म: रीड-ऑनली मेमोरी
  • विवरण: यह एक स्थायी मेमोरी है जिसमें डेटा और प्रोग्राम्स को स्थायी रूप से स्टोर किया जाता है। इसमें से डेटा को केवल पढ़ा जा सकता है, और इसे बदला नहीं जा सकता।

4. HDD (Hard Disk Drive)

  • फुल फॉर्म: हार्ड डिस्क ड्राइव
  • विवरण: यह एक प्रकार की स्थायी स्टोरेज डिवाइस है जिसमें कंप्यूटर का ऑपरेटिंग सिस्टम, सॉफ़्टवेयर, और डेटा स्टोर किया जाता है।

5. SSD (Solid State Drive)

  • फुल फॉर्म: सॉलिड स्टेट ड्राइव
  • विवरण: यह भी एक स्टोरेज डिवाइस है, लेकिन इसमें मेमोरी चिप्स का उपयोग होता है, जिससे डेटा की एक्सेस स्पीड HDD की तुलना में बहुत तेज होती है।

6. GPU (Graphics Processing Unit)

  • फुल फॉर्म: ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट
  • विवरण: यह एक विशिष्ट प्रोसेसर है जो ग्राफिक्स और वीडियो प्रोसेसिंग के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसे वाईडस्क्रीन डिस्प्ले, वीडियो गेम्स, और ग्राफिक्स डिजाइन के लिए उपयोग किया जाता है।

7. PSU (Power Supply Unit)

  • फुल फॉर्म: पावर सप्लाई यूनिट
  • विवरण: यह कंप्यूटर को आवश्यक विद्युत ऊर्जा प्रदान करता है और विद्युत वोल्टेज को सही मात्रा में बदलता है।

8. USB (Universal Serial Bus)

  • फुल फॉर्म: यूनिवर्सल सीरियल बस
  • विवरण: यह एक मानक इंटरफेस है जो विभिन्न उपकरणों को कंप्यूटर से जोड़ने के लिए उपयोग किया जाता है, जैसे कि कीबोर्ड, माउस, प्रिंटर, आदि।

9. BIOS (Basic Input/Output System)

  • फुल फॉर्म: बेसिक इनपुट/आउटपुट सिस्टम
  • विवरण: यह एक फर्मवेयर है जो कंप्यूटर के स्टार्टअप के दौरान हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर के बीच इंटरफेस के रूप में कार्य करता है।

10. CD/DVD (Compact Disc / Digital Versatile Disc)

  • फुल फॉर्म:
    • CD: कॉम्पैक्ट डिस्क
    • DVD: डिजिटल वर्सेटाइल डिस्क
  • विवरण: ये ऑप्टिकल स्टोरेज मीडिया होते हैं जिनका उपयोग डेटा, ऑडियो, और वीडियो स्टोर करने के लिए किया जाता है।

11. LAN (Local Area Network)

  • फुल फॉर्म: लोकल एरिया नेटवर्क
  • विवरण: यह एक नेटवर्क है जो एक सीमित भौगोलिक क्षेत्र में कंप्यूटर और अन्य डिवाइसों को जोड़ता है, जैसे कि एक ऑफिस या एक घर।

12. WAN (Wide Area Network)

  • फुल फॉर्म: वाइड एरिया नेटवर्क
  • विवरण: यह एक नेटवर्क है जो एक बड़े भौगोलिक क्षेत्र में कंप्यूटर और अन्य डिवाइसों को जोड़ता है, जैसे कि इंटरनेट।

13. TCP/IP (Transmission Control Protocol/Internet Protocol)

  • फुल फॉर्म: ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल/इंटरनेट प्रोटोकॉल
  • विवरण: ये नेटवर्किंग प्रोटोकॉल्स हैं जो इंटरनेट और अन्य नेटवर्कों में डेटा ट्रांसमिशन को नियंत्रित करते हैं।

ये प्रमुख कंप्यूटर पार्ट्स हैं जिनका उपयोग कंप्यूटर सिस्टम को संचालित करने और विभिन्न कार्यों को पूरा करने के लिए किया जाता है।

कंप्यूटर कीबोर्ड

कंप्यूटर कीबोर्ड पर विभिन्न बटन होते हैं, जिनका उपयोग अलग-अलग कार्यों के लिए किया जाता है। यहाँ पर प्रमुख कीबोर्ड बटन और उनके नाम दिए गए हैं:

1. अल्फान्यूमेरिक कीज़ (Alphanumeric Keys)

  • अक्षर कीज़ (Letter Keys): A, B, C, D, …, Z
  • संख्याएँ (Number Keys): 0, 1, 2, 3, …, 9 (ये कीज़ आमतौर पर कीबोर्ड के ऊपर की पंक्ति पर और नंबर पैड पर भी होते हैं।)

2. विशेष कीज़ (Special Keys)

  • Enter: कमांड या डेटा को निष्पादित करने के लिए उपयोग किया जाता है।
  • Shift: एक ही समय में दबाकर बड़े अक्षर या विशेष चरित्र टाइप करने के लिए उपयोग होता है।
  • Caps Lock: सभी अक्षरों को बड़े अक्षरों में टाइप करने के लिए उपयोग होता है।
  • Tab: करसर को अगले टैब स्टॉप पर ले जाने के लिए उपयोग होता है।
  • Backspace: करसर के बाईं ओर के अक्षर को हटाने के लिए उपयोग होता है।
  • Delete: करसर के दाईं ओर के अक्षर या आइटम को हटाने के लिए उपयोग होता है.
  • Escape (Esc): वर्तमान कार्य को रद्द करने या मेनू को बंद करने के लिए उपयोग होता है.

3. नियंत्रण कीज़ (Control Keys)

  • Ctrl (Control): अन्य कीज़ के साथ संयोजन में उपयोग करके विशेष कमांड देने के लिए।
  • Alt (Alternate): अन्य कीज़ के साथ संयोजन में उपयोग करके विशेष कमांड या कार्यों को निष्पादित करने के लिए।
  • AltGr (Alternate Graphics): विशेष चिह्न या विशेष अक्षर टाइप करने के लिए, विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय कीबोर्ड लेआउट में।

4. नेविगेशन कीज़ (Navigation Keys)

  • Arrow Keys: ऊपर, नीचे, बाईं ओर, और दाईं ओर नेविगेट करने के लिए।
  • Home: करसर को पंक्ति के शुरू में ले जाने के लिए।
  • End: करसर को पंक्ति के अंत में ले जाने के लिए।
  • Page Up: एक पृष्ठ ऊपर स्क्रॉल करने के लिए।
  • Page Down: एक पृष्ठ नीचे स्क्रॉल करने के लिए.

5. फ़ंक्शन कीज़ (Function Keys)

  • F1 से F12: विभिन्न प्रोग्रामों और ऑपरेटिंग सिस्टम में विशिष्ट कार्यों को निष्पादित करने के लिए। उदाहरण के लिए, F1 आमतौर पर हेल्प मेनू को खोलता है।

6. नंब पैड कीज़ (Numeric Keypad Keys)

  • 0-9: संख्याओं को टाइप करने के लिए।
  • + (Addition): जोड़ने के लिए।
  • – (Subtraction): घटाने के लिए।
  • * (Multiplication): गुणा करने के लिए।
  • / (Division): भाग करने के लिए.
  • . (Decimal Point): दशमलव बिंदु के लिए।
  • Enter: नंबर पैड पर एंटर दबाने के लिए।

7. विंडोज कीज़ (Windows Keys)

  • Windows Key: विंडोज़ स्टार्ट मेनू को खोलने के लिए उपयोग होता है।
  • Windows Key + E: फ़ाइल एक्सप्लोरर खोलने के लिए।
  • Windows Key + L: कंप्यूटर को लॉक करने के लिए।

8. अन्य कीज़

  • Print Screen (PrtSc): स्क्रीनशॉट लेने के लिए उपयोग होता है।
  • Scroll Lock: स्क्रीन स्क्रॉलिंग को नियंत्रित करने के लिए उपयोग होता है (आधुनिक कीबोर्ड पर यह कम उपयोगी होता है)।
  • Pause/Break: कार्यक्रम को रोकने या ब्रेक की स्थिति को इंगित करने के लिए।

कंप्यूटर कीबोर्ड पर विभिन्न प्रतीक (symbols)

कंप्यूटर कीबोर्ड पर विभिन्न प्रतीक (symbols) होते हैं जो विभिन्न कार्यों और सूचनाओं को दर्शाते हैं। यहाँ पर प्रमुख कीबोर्ड प्रतीकों की सूची दी गई है:

1. अक्षर और संख्याएँ (Alphanumeric Keys)

  • A-Z: अंग्रेजी वर्णमाला के अक्षर
  • 0-9: अंकीय कीज़

2. सामान्य प्रतीक (Common Symbols)

  • ` (Grave Accent) : (~) की के बगल में होता है।
  • ! (Exclamation Mark): उत्साह या जोर देने के लिए।
  • @ (At Symbol): ईमेल एड्रेस और अन्य संदर्भों में उपयोग।
  • # (Hash/Number Sign): हैश टैग या संख्या चिह्न के रूप में।
  • $ (Dollar Sign): अमेरिकी डॉलर की मुद्रा का चिन्ह।
  • % (Percent Sign): प्रतिशत दर्शाने के लिए।
  • ^ (Caret/Circumflex Accent): गणितीय और अन्य प्रयोगों में।
  • & (Ampersand): “और” को दर्शाने के लिए।
  • * (Asterisk) : गुणा करने के लिए या वाइल्ड कार्ड के रूप में।
  • ( ) (Parentheses): वाक्यांश या गणितीय अभिव्यक्तियों में उपयोग।
  • – (Hyphen/Minus): ऋण चिह्न या शब्दों के बीच अंतर।
  • _ (Underscore): विशेष रूप से फ़ाइल नामों में उपयोग।
  • + (Plus Sign): जोड़ने के लिए।
  • = (Equals Sign): समानता को दर्शाने के लिए।
  • { } (Braces/Curly Brackets): प्रोग्रामिंग और गणितीय अभिव्यक्तियों में।
  • [ ] (Brackets/Square Brackets): सूचियों और इंडेक्सिंग के लिए।
  • | (Pipe): पाइपलाइनिंग के लिए।
  • \ (Backslash): फ़ाइल पथ और विशेष प्रयोगों में।
  • / (Forward Slash): वेब पते और फ़ाइल पथ में।
  • : (Colon): समय, सूचियों, और अन्य में उपयोग।
  • ; (Semicolon): वाक्यों और प्रोग्रामिंग में उपयोग।
  • ” (Quotation Marks): उद्धरण चिह्न के रूप में।
  • ‘ (Apostrophe): शब्दों में अपॉस्ट्रोफ या संक्षिप्त रूप के लिए।
  • < (Less Than Sign): गणितीय और प्रोग्रामिंग में उपयोग।
  • > (Greater Than Sign): गणितीय और प्रोग्रामिंग में उपयोग।
  • , (Comma): सूचियों में विभाजक के रूप में।
  • . (Period/Full Stop): वाक्य समाप्त करने के लिए।
  • ~ (Tilde): विशेष रूप से यूनिक्स शेल में।

3. विशेष प्रतीक (Special Symbols)

  • ± (Plus-Minus Sign): गणितीय अभिव्यक्तियों में उपयोग।
  • √ (Square Root): गणितीय गणना के लिए।
  • ∞ (Infinity Sign): अनंत को दर्शाने के लिए।
  • © (Copyright Symbol): कॉपीराइट का संकेत।
  • ® (Registered Trademark Symbol): पंजीकृत ट्रेडमार्क का संकेत।
  • ™ (Trademark Symbol): ट्रेडमार्क का संकेत।
  • § (Section Sign): कानूनी या दस्तावेज़ में अनुच्छेद या अनुभाग को दर्शाने के लिए।

4. कीबोर्ड शॉर्टकट प्रतीक (Keyboard Shortcut Symbols)

  • Ctrl (Control): कमांड्स के लिए।
  • Alt (Alternate): विशेष शॉर्टकट्स और कमांड्स के लिए।
  • Shift: बड़े अक्षर और विशेष वर्णों के लिए।
  • Fn (Function): फंक्शन कीज़ के विशेष कार्यों के लिए।

5. नेविगेशन और एडिटिंग प्रतीक (Navigation and Editing Symbols)

  • ↑ (Up Arrow): ऊपर की ओर नेविगेट करने के लिए।
  • ↓ (Down Arrow): नीचे की ओर नेविगेट करने के लिए।
  • ← (Left Arrow): बाईं ओर नेविगेट करने के लिए।
  • → (Right Arrow): दाईं ओर नेविगेट करने के लिए.
  • Home: करसर को पंक्ति के शुरू में ले जाने के लिए।
  • End: करसर को पंक्ति के अंत में ले जाने के लिए।
  • Page Up: एक पृष्ठ ऊपर स्क्रॉल करने के लिए।
  • Page Down: एक पृष्ठ नीचे स्क्रॉल करने के लिए.

ये प्रतीक विभिन्न प्रकार के कीबोर्ड लेआउट्स पर होते हैं और टाइपिंग, प्रोग्रामिंग, और डेटा एंट्री कार्यों में उपयोग किए जाते हैं।

Windows शॉर्टकट्स:

  • Ctrl + A: सभी वस्तुओं को चयनित करें।
  • Ctrl + B: चयनित टेक्स्ट को बोल्ड करें।
  • Ctrl + C: चयनित वस्तु को कॉपी करें।
  • Ctrl + D: चयनित वस्तु को डिलीट करने के लिए, डेस्कटॉप पर एक नई फ़ोल्डर बनाने के लिए।
  • Ctrl + E: फ़ाइल एक्सप्लोरर की खोज बॉक्स को सक्रिय करें।
  • Ctrl + F: वर्तमान दस्तावेज़ या वेब पेज में खोज करें।
  • Ctrl + G: “जाएं” डायलॉग बॉक्स खोलें (फ़ाइल एक्सप्लोरर में)।
  • Ctrl + H: खोजे गए शब्दों को बदलें (Find and Replace)।
  • Ctrl + I: चयनित टेक्स्ट को इटैलिक करें।
  • Ctrl + J: डाउनलोड्स पेज को खुला करें (ब्राउज़र में)।
  • Ctrl + K: लिंक इंसर्ट करने के लिए (Microsoft Office और अन्य एप्लिकेशन में)।
  • Ctrl + L: वेब ब्राउज़र में पता बार को सक्रिय करें।
  • Ctrl + M: पेज इंडेंटेशन बढ़ाएँ (Microsoft Word में)।
  • Ctrl + N: नया डॉक्यूमेंट, विंडो या टैब खोलें।
  • Ctrl + O: फ़ाइल खोलें।
  • Ctrl + P: प्रिंट डायलॉग बॉक्स खोलें।
  • Ctrl + Q: वर्ड डॉक्यूमेंट में पैराग्राफ को बुलेटेड लिस्ट से बाहर करें (Microsoft Word में)।
  • Ctrl + R: चयनित टेक्स्ट को राइट एलाइन करें।
  • Ctrl + S: दस्तावेज़ को सहेजें।
  • Ctrl + T: नया टैब खोलें (ब्राउज़र में)।
  • Ctrl + U: चयनित टेक्स्ट को अंडरलाइन करें।
  • Ctrl + V: कॉपी या कट की गई वस्तु को पेस्ट करें।
  • Ctrl + W: वर्तमान टैब या विंडो बंद करें।
  • Ctrl + X: चयनित वस्तु को कट करें।
  • Ctrl + Y: पूर्ववत की गई क्रिया को दोहराएँ।
  • Ctrl + Z: पिछली क्रिया को पूर्ववत करें।
  • Ctrl + Shift + N: नया फ़ोल्डर बनाएं (फ़ाइल एक्सप्लोरर में)।
  • Ctrl + Shift + Esc: टास्क मैनेजर खोलें।
  • Ctrl + Alt + Del: सुरक्षा स्क्रीन खोलें (लॉगऑन स्क्रीन पर)।
  • Ctrl + Alt + Tab: सभी खुले हुए एप्लिकेशंस की सूची दिखाएँ।
  • Ctrl + Shift + T: हाल ही में बंद किए गए टैब को पुनः खोलें (ब्राउज़र में)।

अन्य सामान्य शॉर्टकट्स

  • Alt + Tab: खुले हुए एप्लिकेशंस के बीच स्विच करें।
  • Alt + F4: वर्तमान एप्लिकेशन को बंद करें।
  • Windows Key + D: डेस्कटॉप को दिखाएँ।
  • Windows Key + L: कंप्यूटर को लॉक करें।
  • Windows Key + E: फ़ाइल एक्सप्लोरर खोलें।
  • Windows Key + R: रन डायलॉग बॉक्स खोलें।
  • Windows Key + Shift + S: स्क्रीनशॉट लेने के लिए स्निपिंग टूल खोलें।
  • Windows Key + I: सेटिंग्स एप्लिकेशन खोलें।
  • Windows Key + M: सभी विंडो को मिनिमाइज़ करें।
  • F2: चयनित फ़ाइल का नाम बदलें।
  • F5: वर्तमान विंडो को रिफ्रेश करें।
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